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Article 162 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-02 15:38:12
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 162

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 162
अनुच्छेद 162 भारतीय संविधान के भाग VI (राज्य) के अंतर्गत अध्याय II (कार्यपालिका) में आता है। यह राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार (Extent of executive power of State) से संबंधित है। यह प्रावधान राज्य की कार्यपालिका शक्ति के दायरे को परिभाषित करता है, जो संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों तक विस्तृत है।
अनुच्छेद 162 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार
"इस संविधान के उपबंधों और संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून की सीमा के अधीन, किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार उन सभी विषयों तक होगा, जिनके संबंध में उस राज्य का विधानमंडल कानून बनाने का हकदार है, परंतु यह कि समवर्ती सूची के किसी विषय के संबंध में कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून के उपबंधों के अधीन होगा।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 162 राज्य की कार्यपालिका शक्ति के दायरे को परिभाषित करता है, जो सातवीं अनुसूची की राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों तक विस्तृत है। यह सुनिश्चित करता है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति संविधान और संसद के कानूनों के अधीन हो। इसका लक्ष्य संघीय ढांचे में राज्यों को स्वायत्तता प्रदान करना है, साथ ही केंद्र की सर्वोच्चता को बनाए रखना।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 की धारा 49 से प्रेरित है, जो प्रांतीय कार्यपालिका की शक्तियों को परिभाषित करता था। यह ब्रिटिश प्रणाली में प्रांतीय गवर्नर की कार्यपालिका शक्तियों को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, राज्यों को कार्यपालिका स्वायत्तता दी गई, लेकिन यह केंद्र की शक्तियों (अनुच्छेद 73) के अधीन रखी गई। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्र-राज्य संबंधों में शक्तियों के विभाजन को स्पष्ट करता है, विशेष रूप से समवर्ती सूची के विषयों में।
3. अनुच्छेद 162 के प्रमुख तत्व
(i) कार्यपालिका शक्ति का दायरा: राज्य की कार्यपालिका शक्ति उन सभी विषयों तक विस्तृत है, जिन पर राज्य विधानमंडल को कानून बनाने का अधिकार है। यह सातवीं अनुसूची की राज्य सूची (जैसे, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस, स्थानीय शासन) और समवर्ती सूची (जैसे, शिक्षा, आपराधिक कानून) के विषयों को शामिल करता है। उदाहरण: राज्य सरकार द्वारा शिक्षा या स्वास्थ्य नीतियों का कार्यान्वयन।
(ii) संविधान और संसद के कानूनों की सीमा: राज्य की कार्यपालिका शक्ति संविधान के उपबंधों और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के अधीन है। समवर्ती सूची के विषयों में, यदि संसद का कानून हो, तो वह सर्वोच्च होगा। उदाहरण: आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) जैसे समवर्ती सूची के विषयों में केंद्र का कानून प्राथमिकता लेता है।
(iii) केंद्र-राज्य संबंध: यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति केंद्र की कार्यपालिका शक्ति (अनुच्छेद 73) से टकराव न करे। उदाहरण: रक्षा या विदेश नीति जैसे विषयों पर केंद्र की शक्ति सर्वोपरि रहती है।
(iv) मंत्रिपरिषद की भूमिका: अनुच्छेद 163 के तहत, राज्यपाल सामान्यतः मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग करता है। उदाहरण: मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद द्वारा नीतिगत निर्णय।
4. महत्व: राज्य की स्वायत्तता: राज्य सूची के विषयों में स्वतंत्र कार्य। संवैधानिक संतुलन: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन। लोकतांत्रिक जवाबदेही: मंत्रिपरिषद के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेही। संघीय ढांचा: केंद्र-राज्य समन्वय।
5. प्रमुख विशेषताएँ: दायरा: राज्य और समवर्ती सूची। सीमा: संविधान और संसद के कानून। मंत्रिपरिषद: सलाह पर कार्य। केंद्र की सर्वोच्चता: समवर्ती सूची में।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: राज्यों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और पुलिस जैसे क्षेत्रों में कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग किया। 1990 के दशक: समवर्ती सूची के विषयों में केंद्र-राज्य टकराव। 2025 स्थिति: डिजिटल और पर्यावरण नीतियों में राज्य की कार्यपालिका शक्ति।
7. चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य टकराव: समवर्ती सूची के विषयों में प्राथमिकता का विवाद। राज्यपाल का दुरुपयोग: केंद्र के प्रभाव में कार्य करने की आलोचना। न्यायिक समीक्षा: कार्यपालिका शक्ति के दुरुपयोग पर कोर्ट का हस्तक्षेप।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): संघीय ढांचा मूल ढांचे का हिस्सा। एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994): कार्यपालिका शक्ति और केंद्र-राज्य संबंधों पर सीमाएँ।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, डिजिटल और पर्यावरण नीतियों में राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत कार्यपालिका निर्णयों का डिजिटल रिकॉर्ड। केंद्र-राज्य समन्वय पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच कार्यपालिका शक्ति पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 73: केंद्र की कार्यपालिका शक्ति। अनुच्छेद 163: मंत्रिपरिषद की सलाह। सातवीं अनुसूची: शक्तियों का विभाजन।
11. विशेष तथ्य: राज्य सूची: स्वायत्तता। समवर्ती सूची: केंद्र की सर्वोच्चता। 2025 नीतियाँ: डिजिटल, पर्यावरण। संघीय ढांचा: मूल ढांचा।
Conclusion
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