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Article 371A of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-07 15:30:54
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371A

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371A
अनुच्छेद 371A भारतीय संविधान के भाग XXI (अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध) में आता है। यह नागालैंड राज्य के लिए विशेष उपबंध (Special provision with respect to the State of Nagaland) से संबंधित है। यह प्रावधान नागालैंड की जनजातीय संस्कृति, सामाजिक प्रथाओं, और स्वायत्तता की रक्षा के लिए बनाया गया है, जो 1963 में नागालैंड के राज्य बनने के बाद लागू हुआ।
(b) नागा प्रथागत कानून और प्रक्रिया।
(c) प्रथागत कानून के तहत न्याय प्रशासन।
(d) भूमि और उसके संसाधनों का स्वामित्व और हस्तांतरण।
(2) नागालैंड के राज्यपाल को क्षेत्रीय परिषदों के संबंध में विशेष जिम्मेदारी होगी।
(3) तुएनसांग और मोन जिलों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ होंगी।
उद्देश्य: अनुच्छेद 371A का उद्देश्य नागालैंड की जनजातीय संस्कृति, प्रथागत कानूनों, और भूमि अधिकारों की रक्षा करना है, साथ ही राज्य को विशेष स्वायत्तता प्रदान करना। यह प्रावधान नागा लोगों की विशिष्ट पहचान और परंपराओं को संरक्षित करता है, जो भारत के साथ उनके एकीकरण की शर्त थी। इसका लक्ष्य सांस्कृतिक संरक्षण, क्षेत्रीय स्वायत्तता, और राष्ट्रीय एकीकरण के बीच संतुलन बनाना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 371A को 13वें संवैधानिक संशोधन (1962) के तहत जोड़ा गया, जब नागालैंड को असम से अलग करके पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। यह नागा समझौते (1960) का परिणाम था, जिसमें नागा नेताओं और भारत सरकार के बीच विशेष स्वायत्तता पर सहमति बनी। भारतीय संदर्भ: नागालैंड का गठन जनजातीय क्षेत्रों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया। उदाहरण: नागा प्रथागत कानूनों का संरक्षण। प्रासंगिकता (2025): यह प्रावधान आज भी नागालैंड की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से भूमि और संसाधनों के मुद्दों पर।
अनुच्छेद 371A के प्रमुख तत्व
संसद के कानूनों पर प्रतिबंध: संसद द्वारा बनाए गए कानून निम्नलिखित मामलों में नागालैंड में लागू नहीं होंगे, जब तक कि नागालैंड विधान सभा इसका समर्थन न करे: धार्मिक या सामाजिक प्रथाएँ: नागा समुदाय की परंपराएँ। प्रथागत कानून: नागा रीति-रिवाज और प्रक्रियाएँ। न्याय प्रशासन: प्रथागत कानूनों के तहत। भूमि और संसाधन: स्वामित्व और हस्तांतरण। उदाहरण: भूमि पर गैर-नागा स्वामित्व पर प्रतिबंध।
राज्यपाल की विशेष जिम्मेदारी: नागालैंड के राज्यपाल को क्षेत्रीय परिषदों के संचालन और प्रशासन में विशेष जिम्मेदारी दी गई है। यह सुनिश्चित करता है कि जनजातीय हितों की रक्षा हो।
तुएनसांग और मोन जिले: इन जिलों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ, जैसे क्षेत्रीय परिषदें, जो स्थानीय प्रशासन को स्वायत्तता देती हैं।
न्यायिक समीक्षा: अनुच्छेद 371A के तहत बनाए गए कानूनों या निर्णयों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, यदि वे संवैधानिक सीमाओं से बाहर हों।
महत्व: सांस्कृतिक संरक्षण: नागा परंपराओं की रक्षा। क्षेत्रीय स्वायत्तता: विधान सभा की सहमति। राष्ट्रीय एकीकरण: भारत के साथ संतुलन। प्रशासनिक सुगमता: क्षेत्रीय परिषदें।
प्रमुख विशेषताएँ: स्वायत्तता: प्रथागत कानून और भूमि। सहमति: विधान सभा की भूमिका। राज्यपाल: विशेष जिम्मेदारी। निगरानी: न्यायिक समीक्षा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1960: नागा समझौता और नागालैंड का गठन। 1963: अनुच्छेद 371A लागू। 2025 स्थिति: नागालैंड में प्रथागत कानूनों का संरक्षण।
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