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Article 371H of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-07 15:40:34
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371H

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371H
अनुच्छेद 371H भारतीय संविधान के भाग XXI (अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध) में आता है। यह अरुणाचल प्रदेश राज्य के लिए विशेष उपबंध (Special provision with respect to the State of Arunachal Pradesh) से संबंधित है। यह प्रावधान अरुणाचल प्रदेश की सुरक्षा, शांति, और जनजातीय हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है, जो 1987 में अरुणाचल प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने के बाद लागू हुआ।
(2) अरुणाचल प्रदेश की विधान सभा में कम से कम 30 सीटें होंगी।
उद्देश्य: अनुच्छेद 371H का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना और जनजातीय हितों की रक्षा करना है, विशेष रूप से इसकी रणनीतिक स्थिति (चीन की सीमा पर) को ध्यान में रखते हुए। यह प्रावधान राज्यपाल को विशेष शक्तियाँ देता है ताकि राज्य की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो। इसका लक्ष्य सुरक्षा, जनजातीय संरक्षण, और राष्ट्रीय एकीकरण के बीच संतुलन बनाना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 371H को 55वें संवैधानिक संशोधन (1986) के तहत जोड़ा गया, जब अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। इससे पहले, अरुणाचल प्रदेश उत्तर-पूर्वी सीमांत एजेंसी (NEFA) के रूप में केंद्रशासित प्रदेश था। भारतीय संदर्भ: अरुणाचल प्रदेश की रणनीतिक स्थिति (चीन के साथ सीमा) और जनजातीय समुदायों (जैसे, अदि, न्यishi, गालो) की विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान बनाया गया। उदाहरण: राज्यपाल की शक्तियाँ सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए।
प्रासंगिकता (2025): यह प्रावधान अरुणाचल प्रदेश की रणनीतिक और सांस्कृतिक विशिष्टता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से सीमा विवादों के संदर्भ में।
अनुच्छेद 371H के प्रमुख तत्व
राज्यपाल की विशेष जिम्मेदारी: अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष जिम्मेदारी दी गई है। राज्यपाल अपने विवेक से इस जिम्मेदारी का निर्वहन करता है, न कि मंत्रिपरिषद की सलाह पर। उदाहरण: सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय।
विधान सभा की सीटें: अरुणाचल प्रदेश विधान सभा में कम से कम 30 सीटें होंगी। यह छोटे राज्य की जनसंख्या और क्षेत्र को ध्यान में रखता है। उदाहरण: वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश विधान सभा में 60 सीटें।
यायिक समीक्षा: राज्यपाल के निर्णयों या इस प्रावधान के तहत किए गए कार्यों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, यदि वे संवैधानिक सीमाओं से बाहर हों।
महत्व: सुरक्षा: अरुणाचल प्रदेश की रणनीतिक स्थिति। जनजातीय संरक्षण: स्थानीय समुदायों की पहचान। राष्ट्रीय एकीकरण: भारत के साथ संतुलन। प्रशासनिक सुगमता: राज्यपाल की भूमिका।
प्रमुख विशेषताएँ: राज्यपाल: विशेष जिम्मेदारी। सीटें: 30+ विधान सभा। सुरक्षा: कानून और व्यवस्था। निगरानी: न्यायिक समीक्षा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1986: अरुणाचल प्रदेश का पूर्ण राज्य बनना। 1987: अनुच्छेद 371H लागू। 2025 स्थिति: सीमा सुरक्षा और जनजातीय संरक्षण।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 371A-371J: अन्य राज्यों के लिए विशेष उपबंध। छठी अनुसूची: जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन। 55वां संशोधन: अरुणाचल प्रदेश का गठन।
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