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Muhammad Azam Shah (March 1707 - June 1707)
jp Singh 2025-05-27 10:45:02
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मुहम्मद आज़म शाह (मार्च 1707 - जून 1707)

मुहम्मद आज़म शाह (मार्च 1707 - जून 1707)
औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 को अहमदनगर (दक्कन) में हुई। उनकी मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य में उत्तराधिकार का संकट उत्पन्न हुआ, क्योंकि उनके पुत्रों के बीच सत्ता के लिए संघर्ष शुरू हो गया। औरंगजेब के बाद उनके पुत्र मुहम्मद आज़म शाह ने सबसे पहले सत्ता संभाली, लेकिन उनका शासन बहुत संक्षिप्त रहा।
1. मुहम्मद आज़म शाह (मार्च 1707 - जून 1707)
सिंहासनारोहण: औरंगजेब की मृत्यु के समय उनके पुत्र मुहम्मद आज़म शाह दक्कन में मौजूद थे। उन्होंने तुरंत स्वयं को सम्राट घोषित किया और आलमशाह की उपाधि ली। आज़म शाह औरंगजेब के दूसरे पुत्र थे और मालवा के सूबेदार के रूप में अनुभवी थे।
उत्तराधिकार युद्ध: आज़म शाह के बड़े भाई मुहम्मद मुअज़्ज़म (जो बाद में बहादुर शाह प्रथम बने) ने भी सत्ता पर दावा किया। मुअज़्ज़म उस समय काबुल का सूबेदार था और उसने उत्तर-पश्चिम भारत से अपनी सेना के साथ दिल्ली की ओर कूच किया।
जजाऊ का युद्ध (8 जून 1707): आज़म शाह और मुअज़्ज़म के बीच आगरा के पास जजाऊ में युद्ध हुआ। इस युद्ध में मुअज़्ज़म की सेना ने आज़म शाह को पराजित किया, और आज़म शाह मारा गया। इस तरह उनका शासन केवल तीन महीने (मार्च 1707 से जून 1707) तक चला।
2. बहादुर शाह प्रथम (1707-1712)
सिंहासनारोहण: जजाऊ के युद्ध में विजय के बाद मुहम्मद मुअज़्ज़म ने दिल्ली में सिंहासन ग्रहण किया और बहादुर शाह प्रथम की उपाधि ली। वह औरंगजेब के सबसे बड़े जीवित पुत्र थे।
शासनकाल: बहादुर शाह प्रथम का शासनकाल (1707-1712) पाँच वर्षों तक चला। उन्होंने औरंगजेब की कट्टर धार्मिक नीतियों को नरम करने की कोशिश की और राजपूतों, सिखों, और मराठों के साथ सुलह का प्रयास किया। हालाँकि, साम्राज्य की आर्थिक और प्रशासनिक कमजोरियाँ बढ़ती रहीं।
प्रमुख कार्य: जज़िया समाप्त: बहादुर शाह ने औरंगजेब द्वारा लागू जज़िया (गैर-मुस्लिमों पर कर) को समाप्त किया, जिससे सामाजिक तनाव कम हुआ। सिखों के साथ संघर्ष: सिख गुरु गोबिंद सिंह के साथ सुलह की कोशिश की गई, लेकिन 1708 में गुरु गोबिंद सिंह की हत्या हो गई, जिससे सिख-मुगल तनाव बना रहा। मराठों और राजपूतों: मराठों और राजपूतों के विद्रोहों को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन पूर्ण सफलता नहीं मिली। मृत्यु: बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु 27 फरवरी 1712 को लाहौर में हुई। उनकी मृत्यु के बाद उनके चार पुत्रों—जहाँदार शाह, अज़ीम-उस-शान, रफी-उस-शान, और ख़ुजिस्ता अख्तर—के बीच फिर से उत्तराधिकार युद्ध शुरू हुआ।
3. उत्तराधिकार युद्ध और बाद के शासक
जहाँदार शाह (1712-1713): बहादुर शाह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र जहाँदार शाह ने सत्ता हासिल की, लेकिन उनका शासन केवल 11 महीने चला। वह एक कमजोर और विलासी शासक थे, और उनके वज़ीर ज़ुल्फिकार खान और दरबारी लाल कुंवर के प्रभाव में रहे।
फर्रुखसियार (1713-1719): जहाँदार शाह को उनके भतीजे फर्रुखसियार ने सैय्यद बंधुओं (अब्दुल्ला खान और हुसैन अली खान) की मदद से हराकर सत्ता हासिल की। फर्रुखसियार का शासन भी अस्थिर रहा, और सैय्यद बंधुओं ने वास्तविक सत्ता संभाली।
बाद के शासक: फर्रुखसियार के बाद मुगल साम्राज्य में कई कमजोर शासक आए, जैसे रफी-उद-दरजात, शाहजहाँ द्वितीय, और मुहम्मद शाह। इनके शासनकाल में मुगल सत्ता तेजी से कमजोर हुई, और मराठा, सिख, और अफगान जैसे क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ।
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